Vedanta News Today
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान ने भारतीय मेटल कंपनियों को बड़ा झटका दिया है। ट्रंप ने अमेरिका में तांबे (Copper) के आयात पर 50% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इसके असर से आज वेदांता के शेयरों में 4.68% से ज्यादा की गिरावट आई है, वहीं हिंद कॉपर और हिंदाल्को के स्टॉक्स भी दबाव में दिखे।
👉 ट्रंप का कहना है कि वह घरेलू इंडस्ट्री को मजबूत करना चाहते हैं, इसलिए तांबे पर भारी टैरिफ लगाएंगे। यह टैरिफ जुलाई के आखिर या अगस्त की शुरुआत से लागू हो सकता है।
👉 ट्रंप सिर्फ मेटल नहीं, बल्कि फार्मा सेक्टर पर भी सख्ती की तैयारी में हैं। उन्होंने विदेशी दवाओं पर 200% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। कंपनियों को इसके लिए करीब 1.5 साल की मोहलत मिलेगी।
📉 इसके असर से:
वेदांता: 4.68% टूटा
हिंद कॉपर: 3.65% टूटा
हिंदाल्को: 2.65% टूटा
भारत के लिए खतरा क्यों? क्योंकि भारत अमेरिका को कॉपर और फार्मा प्रोडक्ट्स का बड़ा एक्सपोर्टर है। ट्रंप की यह नीति सीधे भारतीय निर्यात पर असर डालेगी और कंपनियों के मुनाफे को चोट पहुंचा सकती है।
एक्सपर्ट्स की राय: ट्रंप की आक्रामक नीति से ग्लोबल ट्रेड में अनिश्चितता बढ़ सकती है। इससे बाजारों में उतार-चढ़ाव तेज होगा और भारत जैसे देशों पर दबाव बन सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच छोटी लेकिन अहम ट्रेड डील (Mini Trade Deal) अब लगभग फाइनल स्टेज पर पहुंच चुकी है। दोनों देशों ने इस डील का मसौदा एक-दूसरे के साथ साझा कर लिया है, और उम्मीद है कि आज रात इसकी संयुक्त रूप से घोषणा हो सकती है।
हाल ही में अमेरिका ने 14 देशों को एक चिट्ठी भेजी थी जिसमें टैरिफ (शुल्क) को लेकर बात की गई थी। भारत भी उनमें शामिल था। लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि इस बार कोई एकतरफा फैसला नहीं होगा, बल्कि दोनों सरकारें मिलकर इसका ऐलान करेंगी।
✅ भारत को राहत मिल सकती है इन प्रोडक्ट्स पर:
चमड़ा (Leather)
कपड़ा (Textile)
जेम्स और ज्वैलरी (Gems & Jewellery)
इन पर अमेरिका में टैरिफ में छूट मिल सकती है, जिससे इन सेक्टर्स का निर्यात (Export) बढ़ने की उम्मीद है।
✅ अमेरिका को फायदा:
भारत कुछ इंडस्ट्रियल गुड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी जीरो कर सकता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को राहत मिलेगी।
इस डील में कृषि, डेयरी और प्रोसेस्ड फूड जैसे सेक्टर शामिल नहीं हैं। यानी फूड सेक्टर को अभी कोई बड़ी राहत नहीं मिलेगी।
यह डील भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड रिश्तों में नया मोड़ ला सकती है।
अमेरिका में चुनाव नज़दीक हैं, और ऐसे में व्यापारिक वर्ग के लिए ये सौदा बड़ी राहत बन सकता है।
भारत के निर्यातकों को नया बाजार मिल सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा हो सकता है।
📌 डिस्क्लेमर: किसी भी निवेश या व्यापारिक फैसले से पहले प्रमाणित सलाहकार से ज़रूर सलाह लें।
आज जब शेयर बाजार ज़्यादा एक्टिव नहीं दिखा और ज्यादातर इंडेक्स सीमित दायरे में घूमते नजर आए, तब कोटक महिंद्रा बैंक का शेयर सबका ध्यान खींच रहा था। बाकी छोटे-मझोले शेयरों पर दबाव था, लेकिन इस बैंक का स्टॉक दिन में 4.2% की तेजी के साथ ₹2,241 तक पहुंच गया, जो कि इसके पिछले बंद भाव ₹2,147 से काफी ऊपर है।
इस जोरदार उछाल की वजह है बैंक का मजबूत बिजनेस अपडेट और डिविडेंड से जुड़ी जानकारी:
बैंक ने बताया कि AGM (Annual General Meeting) 2 अगस्त 2025 को होगी।
डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 18 जुलाई 2025 तय की गई है।
अगर AGM में मंजूरी मिलती है, तो बैंक ₹2.5 प्रति शेयर का डिविडेंड 8 अगस्त तक निवेशकों को दे सकता है।
लोन बुक में साल दर साल 14% की बढ़ोतरी हुई है।
जमाएं (Deposits) भी 14.6% बढ़ी हैं।
CASA (Current Account-Savings Account) बैलेंस में भी 7.9% की बढ़त देखने को मिली।
स्टॉक फिलहाल अपने 52-वीक हाई ₹2,301 के करीब कारोबार कर रहा है, जो अप्रैल 2025 में बना था। यानी ये साफ है कि निवेशकों में इस बैंक को लेकर भरोसा बना हुआ है।
📌 डिस्क्लेमर: यहां दी गई बातें ब्रोकरेज हाउस या एक्सपर्ट्स के विचार हैं। निवेश से पहले आप सर्टिफाइड फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
सोमवार को बाजार बंद होने के बाद कई कंपनियों ने अपनी तिमाही अपडेट्स और बड़ी घोषणाएं कीं। इन खबरों का असर मंगलवार को शेयरों पर दिख सकता है। आइए जानते हैं किन कंपनियों के स्टॉक्स पर नजर रखनी चाहिए:
कंपनी ने कहा है कि जून तिमाही में उसकी कुल कमाई करीब ₹1,714 करोड़ रही, जो पिछले साल से करीब 2.8% ज्यादा है। रिटेल सेगमेंट में 19.4% की ग्रोथ दिखी है, जिससे साफ है कि ग्राहकों की डिमांड अच्छी बनी हुई है। सोमवार को शेयर 611 रुपये पर बंद हुआ।
टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने बताया कि Q1 में कंज्यूमर बिजनेस में 20% और घरेलू बिक्री में 19% की बढ़त रही। ज्वेलरी बिजनेस में भी 18% की ग्रोथ हुई है। कंपनी ने इस दौरान 10 नए स्टोर खोले, जिससे अब कुल स्टोर की संख्या 3,322 हो गई है। सोमवार को शेयर थोड़ा गिरकर ₹3,670 पर बंद हुआ।
कंपनी को करीब ₹205 करोड़ की अतिरिक्त क्रेडिट फैसिलिटीज मिली हैं, जिसमें बैंक गारंटी लिमिट भी शामिल है। इसे देश के एक टॉप PSU बैंक से मंजूरी मिली है। सोमवार को शेयर हल्का गिरकर ₹235.26 पर बंद हुआ।
कंपनी मशहूर व्हिस्की ब्रांड Imperial Blue को खरीदने की बातचीत कर रही है। अगर डील फाइनल होती है तो इस महीने के अंत तक इसकी पुष्टि हो सकती है। इससे Tilaknagar का बिजनेस और मजबूत हो सकता है। फिलहाल शेयर ₹338.90 पर बंद हुआ।
जून में M&M ने बताया कि उसका प्रोडक्शन 20% बढ़कर 83,435 यूनिट्स रहा है। वहीं कुल बिक्री भी 14% बढ़कर 76,335 यूनिट्स पहुंच गई। इससे कंपनी के ग्रोथ ट्रेंड का संकेत मिलता है। शेयर मामूली गिरावट के साथ ₹3,158 पर बंद हुआ।
कंपनी का जून का परफॉर्मेंस M&M जैसा ही रहा। प्रोडक्शन और बिक्री दोनों में 20% और 14% की बढ़त दिखी। एक्सपोर्ट में भी हल्का सुधार हुआ है, जो 1% बढ़कर 2,634 यूनिट्स रहा। कंपनी की पोजीशन मजबूत नजर आ रही है।
कंपनी ने Q1 में ₹4,450 करोड़ की प्री-सेल्स और ₹2,880 करोड़ का कलेक्शन दर्ज किया है। कंपनी ने मुंबई, पुणे और बेंगलुरु में 5 नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए हैं, जिनकी कुल डेवलपमेंट वैल्यू करीब ₹22,700 करोड़ है।
ऊपर दी गई जानकारी कंपनियों के अपडेट्स पर आधारित है। किसी भी निवेश से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है। शेयर बाजार जोखिमों से जुड़ा होता है।
JM Financial Services के डायरेक्टर और रिसर्च हेड राहुल शर्मा का मानना है कि बाजार अभी थोड़े समय के लिए कंसोलिडेशन मोड में है, लेकिन आगे तेजी दिख सकती है। उन्होंने बताया कि मिडकैप इंडेक्स ने नया हाई बनाया है, जो यह दिखाता है कि बाजार में अभी भी जोखिम उठाने की ताकत है।
राहुल का मानना है कि निफ्टी के लिए 25222 का स्तर पहले रेजिस्टेंस था, लेकिन अब यह सपोर्ट बन चुका है। आने वाले दिनों में निफ्टी 25800 से 26000 के बीच जा सकता है। इसलिए, गिरावट आने पर खरीदारी करना बेहतर रणनीति हो सकती है। फिलहाल, निफ्टी का रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो लॉन्ग ट्रेड्स के लिए सही है।
राहुल को निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में और तेजी के संकेत मिल रहे हैं। SBI में अभी और चढ़ाव की संभावना है। इसके अलावा, केनरा बैंक का टेक्निकल सेटअप भी मजबूत है। वे मानते हैं कि आने वाले 10-15 ट्रेडिंग सेशंस में यह स्टॉक ₹120-₹125 तक जा सकता है।
मिडकैप रियल एस्टेट सेक्टर भी राहुल को अच्छा लग रहा है। उन्होंने DLF और हबटाउन जैसे स्टॉक्स को शॉर्ट टर्म के लिए सकारात्मक बताया है। हबटाउन में उन्हें ₹300-₹310 तक का टारगेट दिख रहा है।
IT सेक्टर की बात करें तो राहुल ने कहा कि इसमें अभी तक कंसोलिडेशन चल रहा है, लेकिन अब नतीजों के सीजन से हलचल शुरू हो सकती है। उन्होंने इंफोसिस को एक मजबूत कैंडिडेट बताया है और कहा कि यह शेयर जल्द ही ₹1680-₹1700 तक पहुंच सकता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने ₹1550 का टारगेट पूरा कर लिया है, और अब यह ₹1600 की तरफ बढ़ता दिख रहा है। स्टॉक ने इस लेवल पर एक मजबूत बेस बनाया है, जो भविष्य की तेजी का संकेत है।
राहुल का कहना है कि बाजार को गिरने से रियल एस्टेट, PSU बैंक, IT और RIL जैसे सेक्टर्स बचा रहे हैं। अगर ग्लोबल संकेत थोड़े और सुधरते हैं या कोई पॉजिटिव ट्रेड डील न्यूज आती है, तो इससे बाजार में एक तेजी का ट्रिगर मिल सकता है। और ऐसे में निफ्टी जुलाई सीरीज में एक नया हाई बना सकता है।
डिस्क्लेमर: यह विचार राहुल शर्मा के निजी हैं। किसी भी तरह का निवेश करने से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
सोमवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया काफी कमजोर हुआ. ट्रेडिंग के समय रुपया एक बार तो 86 के पार भी चला गया था. हालांकि, बाद में RBI के संभावित दखल की उम्मीद से थोड़ी रिकवरी हुई. आखिर ऐसा क्यों हुआ? आइए आसान भाषा में समझते हैं:
सोमवार को रुपया 47 पैसे टूटकर 85.86 पर बंद हुआ. यह गिरावट 13 जून के बाद की सबसे बड़ी गिरावट रही. कारोबार के दौरान रुपया 86 से नीचे भी चला गया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि जो देश BRICS की नीतियों का साथ देंगे, उन पर 10% का अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा. इससे बाजार में डर फैल गया.
BRICS देश अब डॉलर से बाहर निकलकर अपना अलग पेमेंट सिस्टम बनाने पर काम कर रहे हैं. ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर ऐसा हुआ, तो वो 100% तक का टैक्स भी लगा सकते हैं.
अमेरिका ने 90 दिन की टैरिफ एक्सटेंशन दी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस ट्रेड डील साइन नहीं हुई. इससे भी निवेशकों में घबराहट है.
डॉलर इंडेक्स बढ़कर 97.39 पर पहुंच गया. भले ही इस साल अब तक 10.5% की गिरावट आई हो, लेकिन अभी फिर से डॉलर मजबूत होता दिख रहा है.
अब सबकी निगाहें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मीटिंग पर हैं. वहां से मिलने वाले संकेत तय करेंगे कि आगे डॉलर और रुपया का क्या हाल होगा. फिलहाल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रुपया 85.25 से 86.25 के बीच घूमता रहेगा.
तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC+ के प्रोडक्शन बढ़ाने के फैसले के बाद, क्रूड प्राइस में थोड़ी हलचल दिखी. Brent Crude हल्का बढ़कर $68.53 और WTI थोड़ा गिरकर $66.86 पर पहुंचा.
UAE सरकार ने अपना गोल्डन वीजा प्रोग्राम और भी आसान बना दिया है, जिससे लाखों भारतीयों को फायदा हो सकता है. अब आपको करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदने या बड़ा बिज़नेस लगाने की ज़रूरत नहीं है. एक नया सिस्टम शुरू हुआ है — नॉमिनेशन बेस्ड वीजा, जिसमें सिर्फ नामांकन और एक निश्चित फीस देकर वीजा मिल सकता है.
UAE ने 2019 में गोल्डन वीजा शुरू किया था, जो पहले सिर्फ बड़े निवेशकों के लिए था. तब 10 साल के वीजा के लिए 2 मिलियन दिरहम (लगभग ₹4.5 करोड़) का निवेश ज़रूरी था. बाद में इसे थोड़ा आसान किया गया और कुछ और प्रोफेशनल्स को भी इसमें शामिल किया गया.
अब सिर्फ प्रॉपर्टी में पैसा लगाने की ज़रूरत नहीं है. नये नियमों के तहत, ये लोग गोल्डन वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं:
नर्स, टीचर, स्कूल प्रिंसिपल
यूनिवर्सिटी प्रोफेसर, रिसर्चर
यूट्यूबर, पॉडकास्टर, कंटेंट क्रिएटर
ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ी (25 साल से ऊपर)
लक्जरी यॉट के मालिक और समुद्री अफसर
बस शर्त यह है: आपको 1 लाख दिरहम (लगभग ₹23.3 लाख) की फीस भरनी होगी — और संपत्ति खरीदने की कोई ज़रूरत नहीं!
इस योजना की शुरुआत भारत और बांग्लादेश से हो रही है. भारत में “Rayad Group” नाम की एक कंसल्टेंसी को इसका पहला चेकिंग पार्टनर बनाया गया है. उम्मीद है कि आने वाले 3 महीनों में 5000+ भारतीय लोग इसके लिए आवेदन करेंगे.
UAE की ऑफिशियल वेबसाइट icp.gov.ae पर जाएं
"Services" पर क्लिक करें और Golden Visa चुनें
जिस तरह का वीजा चाहिए, वो सिलेक्ट करें
“Start Service” पर क्लिक करें
अपनी जानकारी भरें और ज़रूरी दस्तावेज अपलोड करें
फीस जमा करें और सबमिट करें
फॉर्म का PDF सेव करें और उसकी एक प्रिंट निकाल लें
आप अपने परिवार को भी साथ ले जा सकते हैं
नौकर या ड्राइवर रखने की इजाजत मिलती है
किसी भी तरह का बिजनेस या प्रोफेशनल काम कर सकते हैं
यह वीजा लाइफटाइम रहेगा — प्रॉपर्टी बेचने से खत्म नहीं होगा
2025 की शुरुआत से अब तक बाजार में कई तरह की चिंता और हलचल रही — जैसे जियो-पॉलिटिकल तनाव, भारत-पाक सीमा पर विवाद और व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताएं. इन सबके बावजूद, निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिले. निफ्टी ने 2025 के पहले 6 महीनों में करीब 7.5% की बढ़त दी, जो बाकी वैश्विक बाजारों की तुलना में बेहतर रही.
दूसरे देशों के बाजारों की बात करें तो दक्षिण कोरिया का KOSPI इंडेक्स और जर्मनी का DAX इंडेक्स लगभग 35% बढ़े — और वो भी सिर्फ 6 महीनों में! इसके पीछे एक बड़ा कारण रहा अमेरिकी डॉलर में कमजोरी, जिससे इन बाजारों को फायदा हुआ.
डॉलर क्यों कमजोर हुआ? वैश्विक राजनीति में अस्थिरता, अमेरिका का बढ़ता कर्ज और व्यापार नियमों में बार-बार बदलाव ने निवेशकों को डॉलर से दूर कर दिया. यही वजह रही कि डॉलर लगभग 10% टूट गया.
ब्याज दरों में नरमी ने दी राहत कई देशों के सेंट्रल बैंक अब ब्याज दरें घटाने के संकेत दे रहे हैं. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने भी साफ किया है कि महंगाई काबू में आ रही है, इसलिए वो रेट कट कर सकते हैं. इस भरोसे ने बाजार को और मजबूती दी है. S&P 500 इंडेक्स में भी इस वजह से 5.5% की ग्रोथ देखी गई.
कुल मिलाकर, बाजार ने कई मुश्किल हालातों को पहले ही समझ लिया और अब आगे की ओर बढ़ने को तैयार दिख रहा है.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर आज रात बड़ा अपडेट आ सकता है। भारतीय समय के अनुसार रात 9:30 बजे, अमेरिका 15 देशों को एक खास चिट्ठी भेजेगा, जिसमें भारत का नाम भी हो सकता है।
इस चिट्ठी में यह बताया जाएगा कि अमेरिका किन-किन देशों के कौन से सामानों पर कितनी इंपोर्ट ड्यूटी लगाएगा। इसे रेसिप्रोकल टैरिफ भी कहा जाता है — यानी दोनों देशों के बीच आपसी ड्यूटी का हिसाब।
भारत ने अमेरिका को ट्रेड डील का फाइनल ड्राफ्ट सौंप दिया है। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वो खाद्य उत्पादों (एग्रीकल्चर) और ऑटो सेक्टर के ज़्यादातर अमेरिकी सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं घटाएगा।
भारत चाहता है कि अमेरिका स्टील, एल्यूमिनियम और ऑटो पार्ट्स पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को या तो कम करे या पूरी तरह हटा दे।
संभावना है कि अमेरिका अपने कई इंडस्ट्रियल सामानों पर भारत के लिए ड्यूटी ज़ीरो कर सकता है। हालांकि, कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 10% टैक्स अभी भी लगा रह सकता है।
मेटल और ऑटो सेक्टर को डील से फायदा मिल सकता है।
डॉलर-रुपया की चाल, और स्टील-ऑटो कंपनियों के शेयरों पर बाजार की नजर रहेगी।
इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को राहत मिल सकती है।
हां, भारत अभी भी अपने किसानों और घरेलू ऑटो उद्योग की सुरक्षा को लेकर सख्त है। इसलिए अमेरिका की कुछ मांगें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं।
आज रात आने वाली अमेरिकी चिट्ठी से साफ होगा कि यह ट्रेड डील दोनों देशों के लिए कितनी फायदेमंद और संतुलित रही। भारत को कुछ क्षेत्रों में राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन ड्यूटी छूट की गुंजाइश सीमित हो सकती है।
नोट: निवेश या व्यापार से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें, क्योंकि हर फैसले का बाजार पर असर होता है।
JP Power के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। 7 जुलाई 2025 को शेयर 19.10 रुपये पर खुला और दिन में यह करीब 22 रुपये तक पहुंच गया। यह लगातार दूसरे दिन की तेजी है। सिर्फ कुछ साल पहले, 2020 में, यही शेयर गिरकर 35 पैसे तक चला गया था। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
JP Power की पैरेंट कंपनी Jaiprakash Associates (JAL) पर भारी कर्ज है और यह कंपनी फिलहाल इंसॉल्वेंसी (दिवालियापन) प्रक्रिया से गुजर रही है। इस दौरान Adani Group ने JAL को खरीदने के लिए ₹12,500 करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाई है।
यही खबर बाजार में तेजी की सबसे बड़ी वजह बनी है। निवेशकों को भरोसा है कि अगर अडानी जैसा बड़ा और मजबूत ग्रुप कंपनी की कमान संभालता है, तो इससे JP Power को भी सीधा फायदा होगा — चाहे वो फंडिंग हो, मैनेजमेंट हो या भविष्य की ग्रोथ।
JAL के पास JP Power में करीब 24% हिस्सेदारी है। इसका मतलब है कि अगर JAL को कोई मजबूत खरीदार मिल जाता है, तो JP Power की स्थिति भी सुधर सकती है।
Adani Group (₹12,500 करोड़ की सबसे ऊंची बोली)
Vedanta, JSPL, Dalmia Bharat, PNC Infratech, और Suraksha Group
अप्रैल 2025 तक करीब 25 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी
JAL पर ₹57,185 करोड़ का कर्ज है, जिसे वो चुका नहीं पाई, इसलिए 3 जून 2024 को NCLT (इलाहाबाद बेंच) ने कंपनी को कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में भेज दिया।
अगर Adani Group यह डील जीत जाता है, तो:
JP Power को मजबूत वित्तीय सहारा मिलेगा
बेहतर मैनेजमेंट और गवर्नेंस आएगा
कंपनी की ग्रोथ के नए रास्ते खुल सकते हैं
कुछ साल पहले जो शेयर 1 रुपये से भी नीचे चला गया था, आज वह ₹21 के पार पहुंच गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह Adani Group की ओर से बोली लगाना है। हालांकि निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें, क्योंकि शेयर बाजार में जोखिम बना रहता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट्स की राय पर आधारित है। इसमें बताए गए विचार केवल सूचना के उद्देश्य से हैं। निवेश का फैसला सोच-समझकर लें।
बीते शुक्रवार को शेयर बाजार थोड़ी बढ़त के साथ बंद हुआ। आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर की मजबूती ने बाजार को सपोर्ट दिया, लेकिन दिन के आख़िर में भारी मुनाफावसूली दिखी। सेंसेक्स 193 अंक चढ़ा और 83,432 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 55 अंक ऊपर 25,461 पर बंद हुआ।
बाजार की असली परीक्षा अब 9 जुलाई को है। इस दिन दो बड़े घटनाक्रम होंगे:
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की डेडलाइन पूरी होगी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के मिनट्स जारी होंगे।
इन दोनों बातों से वैश्विक बाजारों की दिशा तय हो सकती है, और भारत पर भी असर पड़ेगा।
Geojit के विनोद नायर का कहना है कि ग्लोबल अनिश्चितता और अमेरिका की टैरिफ डेडलाइन को देखते हुए निवेशक सतर्क हैं। FIIs (विदेशी निवेशक) बिकवाली कर रहे हैं, जबकि DIIs (घरेलू संस्थागत निवेशक) खरीदारी कर रहे हैं, जिससे बाजार को सहारा मिल रहा है।
निफ्टी के लिए 25,300 का स्तर एक अहम सपोर्ट है।
अगर ये स्तर टूटता नहीं है, तो निफ्टी 25,800 से लेकर 26,100 तक जा सकता है।
अगर बाजार नीचे आता है, तो 25,300 से सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
UltraTech Cement: कंपनी ने CCI जांच की खबरों को नकारा, कहा कोई जांच का नोटिस नहीं मिला।
Tata Steel: ओडिशा सरकार से 1,902 करोड़ का टैक्स डिमांड मिला, कंपनी ने इसे गलत बताया और लीगल ऑप्शन देख रही है।
Dabur India: पहली तिमाही में बेवरेज सेगमेंट में गिरावट की आशंका, हेल्थ और पर्सनल केयर में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद।
RVNL: रेलवे से 143 करोड़ का नया ऑर्डर मिला।
Dhanlaxmi Bank: गोल्ड लोन और कुल एडवांस में अच्छी बढ़त दर्ज की गई।
BEML: उज्बेकिस्तान और CIS से करीब 6.2 मिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट ऑर्डर मिले।
IndusInd Bank: नेट एडवांस और डिपॉजिट्स में हल्की गिरावट, CASA रेशियो भी थोड़ा कम हुआ।
Nestle India: कंपनी ने 1:1 बोनस शेयर देने का ऐलान किया।
Bank of India: ग्लोबल कारोबार और एडवांस में अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई।
IDBI Bank: कुल कारोबार और एडवांस में बढ़त, लेकिन CASA डिपॉजिट्स में थोड़ी कमी।
Godrej Consumer: होम केयर सेगमेंट में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद, साबुन की बिक्री थोड़ी कमजोर।
बाजार में इस हफ्ते सावधानी जरूरी है। 9 जुलाई को होने वाले दो बड़े फैसले (भारत-अमेरिका ट्रेड डील और फेडरल रिज़र्व मिनट्स) से बाजार में तेज़ हलचल हो सकती है। निवेशक फिलहाल सोच-समझकर कदम बढ़ाएं और किसी भी ट्रेड से पहले वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें।
Yes Bank को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। बैंक ने नए CEO की तलाश को फिलहाल रोक दिया है, क्योंकि अभी वह जापान की SMBC Group (Sumitomo Mitsui Banking Corporation) को हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में है।
लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड के कुछ सदस्यों ने चिंता जताई कि जब बैंक का मालिकाना हक बदलने वाला है, तो ऐसे समय में नए CEO की नियुक्ति जल्दीबाज़ी हो सकती है। यही वजह है कि अब CEO सर्च रोक दी गई है और SMBC डील को प्राथमिकता दी जा रही है।
SMBC जापान का एक बड़ा बैंकिंग ग्रुप है, जो Yes Bank में अधिकांश हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है। यह डील अगर पूरी होती है, तो Yes Bank को:
नई पूंजी मिलेगी
बेहतर टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा
और एक ग्लोबल बैंकिंग नेटवर्क से जुड़ने का मौका भी मिल सकता है
बोर्ड चाहता है कि नए CEO का चयन उस वक्त हो, जब नया निवेशक शामिल हो चुका हो, ताकि कंपनी की भविष्य की रणनीति उसी हिसाब से तय की जा सके।
अब यह तय हुआ है कि जब तक RBI SMBC डील को मंज़ूरी नहीं देता, तब तक CEO की तलाश नहीं की जाएगी। अगर डील को हरी झंडी मिल जाती है, तो फिर से नए CEO के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये फैसला सोच-समझकर लिया गया है। एक ही समय पर मालिकाना और प्रबंधन में बदलाव करने से कंपनी में अस्थिरता आ सकती है। इसलिए Yes Bank ने पहले डील फाइनल करने का रास्ता चुना है, फिर नई लीडरशिप लाने की योजना बनाई है।
Yes Bank फिलहाल एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। SMBC डील और नए CEO की नियुक्ति — दोनों ही फैसले बैंक के भविष्य को तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। बैंक ने दिखा दिया है कि वह जल्दबाज़ी में नहीं, बल्कि स्थिरता और रणनीतिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहता है।
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी सिर्फ निवेश जागरूकता के लिए है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें।)
शुक्रवार को शेयर बाजार में Nuvama Wealth Management Ltd (जिसे पहले Edelweiss Wealth के नाम से जाना जाता था) का शेयर करीब 11% गिरकर ₹7261 पर बंद हुआ। अब इस गिरावट के पीछे की बड़ी वजह सामने आ रही है। खबर है कि इस कंपनी को खरीदने के लिए एक बड़ी डील की तैयारी चल रही है, जिसकी कुल वैल्यू करीब $1.6 बिलियन (₹13,300 करोड़) हो सकती है।
Pacific Alliance Group (PAG), जो कि कंपनी में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी रखती है, अब इस हिस्सेदारी को बेचने की योजना बना रही है। PAG काफी समय से इस डील की तैयारी में था, लेकिन अब जब कई बड़े खरीदारों की दिलचस्पी बढ़ी है, तो प्रक्रिया तेज हो गई है।
इस सौदे के लिए जो नाम सामने आए हैं, वे हैं:
CVC Capital Partners
Permira
EQT
और सबसे बड़ा नाम HSBC, जो यूरोप का सबसे बड़ा बैंक है।
हाल ही में Nuvama Wealth का नाम Jane Street से जुड़े एक विवाद में आया था। Nuvama, Jane Street की भारत में ट्रेडिंग पार्टनर रही है। जब SEBI ने Jane Street पर कार्रवाई की, तो इससे Nuvama पर भी निवेशकों की नजर गई और इसी वजह से कंपनी के शेयर में शुक्रवार को भारी गिरावट देखी गई।
विशेषज्ञों की मानें तो अगर यह डील सिर्फ एक प्राइवेट इक्विटी फर्म से दूसरी फर्म को होती है, तो कंपनी के बिजनेस मॉडल या ऑपरेशन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। यानी ग्राहकों और निवेशकों के लिए तुरंत कोई बदलाव नहीं दिखेगा।
बाकी सभी खरीदार प्राइवेट इक्विटी फंड्स हैं, लेकिन HSBC एक बैंकिंग सेक्टर का ग्लोबल प्लेयर है। इसलिए अगर HSBC यह डील जीतता है, तो यह सिर्फ निवेश नहीं बल्कि लंबी रणनीतिक प्लानिंग का हिस्सा भी हो सकता है।
हालांकि डील की पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन बाजार में हलचल तेज है। ऐसे में निवेशकों को कोई भी कदम उठाने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से बात जरूर करनी चाहिए।
(डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट केवल जानकारी के लिए है। निवेश का निर्णय लेने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से जरूर सलाह लें।)
पिछले हफ्ते शेयर बाजार में हल्की गिरावट रही, लेकिन निफ्टी और बैंक निफ्टी जैसे प्रमुख इंडेक्स अभी भी अपने जरूरी सपोर्ट लेवल्स के ऊपर बने हुए हैं। इस वजह से बाजार के जानकारों का भरोसा बना हुआ है कि आने वाले दिनों में बाजार फिर से मजबूती पकड़ सकता है।
मार्केट एक्सपर्ट मानस जायसवाल का मानना है कि बीते हफ्ते की गिरावट को सिर्फ एक कंसोलिडेशन फेज यानी ठहराव की तरह देखना चाहिए। उनके अनुसार, निफ्टी अभी भी अपने 10 और 20 दिन के मूविंग एवरेज के ऊपर बना हुआ है, जो एक अच्छी तकनीकी संकेत है। वहीं बैंक निफ्टी भी भले ही एक दिन के लिए 10-डे एवरेज से नीचे गया, लेकिन बंद होते समय फिर ऊपर आ गया — मतलब इस स्तर पर खरीदारी आ रही है।
अगर निफ्टी आने वाले दिनों में 25,600 का लेवल पार करता है, तो यह तेजी पकड़ सकता है और 25,900 तक जा सकता है। जब तक निफ्टी 25,200 के ऊपर बना रहेगा, तब तक ट्रेंड पॉजिटिव बना रहेगा।
मानस जायसवाल के मुताबिक, शुक्रवार को तेल कंपनियों में अच्छा मूव देखा गया, और यह ट्रेंड सोमवार को भी जारी रह सकता है।
खरीद की सलाह: BPCL
टारगेट: ₹360
स्टॉप लॉस: ₹339
वर्तमान भाव: ₹346
दूसरा पसंदीदा स्टॉक ग्लेनमार्क फार्मा है। शुक्रवार को इसमें भी मजबूती देखी गई, और एक्सपर्ट को उम्मीद है कि सोमवार को भी इसमें तेजी बनी रह सकती है।
खरीद की सलाह: Glenmark Pharma
टारगेट: ₹1900
स्टॉप लॉस: ₹1809
वर्तमान भाव: ₹1830
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई राय एक्सपर्ट्स या ब्रोकरेज फर्म्स की है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय जरूर लें। Taaza epaper हिंदी या वेबसाइट इसकी जिम्मेदारी नहीं लेती।)
इस हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट जरूर रही, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत संकेत बाजार को आगे सपोर्ट कर सकते हैं। वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव है, लेकिन लॉन्ग टर्म के नजरिए से अच्छे शेयरों में निवेश का ये सही समय हो सकता है। इसी हफ्ते कुछ ब्रोकरेज फर्म्स ने दो चुनिंदा स्टॉक्स पर खरीद की सलाह दी है, जिनमें आने वाले समय में 35% से 40% तक का रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल ने 30 जून को एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के शेयर में 'बाय' रेटिंग दी है। इस स्टॉक के लिए ₹347 का टारगेट तय किया गया है, जबकि यह शेयर फिलहाल ₹250 के आसपास ट्रेड कर रहा है। यानी इसमें करीब 40% तक की तेजी की संभावना बताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के कई प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं, जिससे इसकी आमदनी और प्रदर्शन दोनों सुधर सकते हैं। इसके साथ-साथ एबिटडा बढ़ने और कर्ज कम होने की उम्मीद है।
ICICI Securities ने Honasa Consumer (Mamaearth) के स्टॉक में भी निवेश की सलाह दी है। 30 जून को यह सलाह तब दी गई थी जब शेयर ₹312 के भाव पर था। फिलहाल ये शेयर ₹296 के पास ट्रेड कर रहा है। रिपोर्ट में स्टॉक के लिए ₹400 का टारगेट तय किया गया है। यानी यहां से भी लगभग 35% तक का रिटर्न मिलने की संभावना है।
ICICI Securities की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव कर रही है, नए इन्वेस्टमेंट कर रही है और प्रीमियम प्रोडक्ट्स भी लॉन्च कर रही है, जिससे भविष्य में ग्रोथ बेहतर हो सकती है।
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सिर्फ जानकारियों के उद्देश्य से है। निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एक्सपर्ट या एडवाइजर से सलाह जरूर लें। TAAZA EPAPER यहां दी गई राय के लिए जिम्मेदार नहीं है।)
UltraTech Cement Ltd ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि कंपनी पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) सीमेंट कार्टेल के मामले में जांच कर रहा है। कंपनी ने NDTV सहित अन्य मीडिया संस्थानों की खबरों को गलत और भ्रामक करार दिया है।
UltraTech ने साफ किया है कि केस नंबर 35/2020 से जुड़ी CCI जांच में उसका कोई लेना-देना नहीं है। न तो कंपनी को CCI की तरफ से कोई आदेश मिला है और न ही उसके किसी वित्तीय दस्तावेज की मांग की गई है।
UltraTech ने यह जरूर बताया कि India Cements Ltd (ICEM) जो अब उसकी सब्सिडियरी है, वह इस केस में एक पक्षकार है। इंडिया सीमेंट्स इस मामले में अलग से जरूरी जानकारियां दे रही है और साथ ही अपने कानूनी अधिकारों पर विचार कर रही है।
UltraTech ने 5 जुलाई को फाइलिंग में कहा कि वह झूठी रिपोर्टिंग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है। कंपनी ने साफ कहा है कि वह ऐसी खबरों पर चुप नहीं बैठेगी और आगे जरूरी कदम उठाएगी।
यह बयान उस समय आया है जब कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि CCI ने UltraTech, Dalmia Bharat और Shree Digvijay Cements से उनके वित्तीय रिकॉर्ड मांगे हैं।
UltraTech ने दिसंबर 2024 में India Cements Ltd में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 32.72% कर ली थी। इससे पहले कंपनी की हिस्सेदारी 22.77% थी, जिसके चलते अब India Cements, UltraTech की एक सहायक कंपनी बन चुकी है।
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य सूचना के लिए है। निवेश से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से राय जरूर लें। TAAZA EPAPER यहां प्रस्तुत विचारों के लिए जिम्मेदार नहीं है।)
पिछला हफ्ता शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहा। प्रमुख इंडेक्स जैसे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट देखने को मिली, लेकिन स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया। विदेशी संकेतों, कंपनियों के तिमाही नतीजों और टैरिफ से जुड़ी खबरों ने बाजार की चाल पर असर डाला।
सेंसेक्स में करीब 626 अंकों (0.74%) की गिरावट आई और यह 83,433 के स्तर पर बंद हुआ।
निफ्टी 50 भी 177 अंक (0.68%) गिरकर 25,461 के स्तर पर बंद हुआ।
बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 1% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि मिडकैप इंडेक्स में 0.6% की तेजी रही।
दूसरी ओर, लार्जकैप इंडेक्स में हल्की 0.6% की गिरावट देखने को मिली।
निफ्टी रियल्टी और एफएमसीजी इंडेक्स में गिरावट रही – दोनों में लगभग 0.7% की कमजोरी दर्ज की गई।
कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडेक्स ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2.7% की तेजी दिखाई।
हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर में भी हल्की बढ़त देखी गई।
इस हफ्ते विदेशी निवेशकों (FII) ने करीब ₹6,604 करोड़ की इक्विटी बेच दी।
घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने इसके उलट लगभग ₹7,609 करोड़ की खरीदारी की।
छोटे शेयरों में दमदार तेजी देखने को मिली।
Gabriel India ने करीब 42% का जबरदस्त रिटर्न दिया।
Sindhu Trade Links में 37% से अधिक की तेजी दर्ज की गई।
PC Jeweller ने लगभग 35% की बढ़त दिखाई।
SML Isuzu के शेयरों में 30% से ज्यादा उछाल रहा।
NACL Industries में 27% और Heranba Industries में 20% से ज्यादा की तेजी देखने को मिली।
इन स्टॉक्स ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया, भले ही समग्र बाजार थोड़ा दबाव में रहा। अब निवेशकों की नजरें आने वाले हफ्ते में अमेरिकी टैरिफ नीति और अन्य वैश्विक संकेतों पर रहेंगी।
(नोट: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। निवेश से पहले हमेशा योग्य वित्तीय सलाहकार की राय लें।)
नवी मुंबई स्थित फार्मास्युटिकल और न्यूट्रास्यूटिकल उत्पाद बनाने वाली कंपनी Asston Pharmaceuticals अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) आगामी 9 जुलाई को लॉन्च करने जा रही है। यह सार्वजनिक निर्गम 11 जुलाई को बंद होगा। कंपनी ने IPO का प्राइस बैंड ₹115 से ₹123 प्रति शेयर तय किया है।
IPO से जुड़ी प्रमुख जानकारी:
यह IPO पूरी तरह से फ्रेश इश्यू पर आधारित है, जिसमें 22.41 लाख शेयर जारी किए जाएंगे।
IPO से कंपनी कुल ₹27.56 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है।
IPO से मिली पूरी राशि कंपनी के पास ही जाएगी।
IPO शेयर अलॉटमेंट की अंतिम तिथि 14 जुलाई तय की गई है।
Asston के शेयर 16 जुलाई से BSE SME प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे।
कंपनी ₹6 करोड़ मशीनरी खरीदने में लगाएगी ताकि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सशक्त बनाया जा सके।
₹13 करोड़ वर्किंग कैपिटल ज़रूरतों को पूरा करने में खर्च होंगे।
कंपनी ₹1 करोड़ का कर्ज चुकाने में लगाएगी।
बाकी राशि का उपयोग जनरल कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
Asston Pharmaceuticals की स्थापना 2019 में हुई थी।
मई 2025 तक कंपनी पर ₹7.8 करोड़ का कुल बकाया ऋण था।
कंपनी की निर्माण इकाई अंबरनाथ (महाराष्ट्र) में स्थित है, जहां जेनेरिक और न्यूट्रास्यूटिकल दवाओं का उत्पादन किया जाता है।
Asston के पास 150 से अधिक फार्मास्युटिकल फॉर्मुलेशन के पंजीकृत ट्रेडमार्क हैं।
इस IPO के मर्चेंट बैंकर Sobhagya Capital Options होंगे।
इस पब्लिक इश्यू के जरिए कंपनी अपने विस्तार और वित्तीय मजबूती की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। IPO में निवेश से पहले विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें।
रेलवे परियोजनाओं में सक्रिय सिविल कंस्ट्रक्शन कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) को एक और बड़ी सफलता मिली है। कंपनी ने शनिवार को शेयर बाजार को सूचित किया कि उसे दक्षिण रेलवे से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम के अपग्रेडेशन का ऑर्डर मिला है। यह अपग्रेडेशन कार्य सलेम डिवीजन में किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 143 करोड़ रुपये है और इसे 24 महीनों में पूरा किया जाना है।
RVNL ने पिछले सप्ताह भी जानकारी दी थी कि वह दक्षिण रेलवे की एक अन्य परियोजना में सबसे कम बोली लगाने वाला (L1 bidder) बनकर उभरी है। वह परियोजना साउथ सेंट्रल रेलवे के विजयवाड़ा डिवीजन से जुड़ी है और इसका कुल ऑर्डर साइज 213 करोड़ रुपये से अधिक है। इस प्रोजेक्ट की समयसीमा भी 24 महीने की रखी गई है।
शुक्रवार को RVNL का शेयर 0.2% की हल्की बढ़त के साथ 391.35 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी का 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर 647 रुपये और न्यूनतम स्तर 295 रुपये रहा है। एक साल पहले यह स्टॉक 500 रुपये के ऊपर कारोबार कर रहा था।
इन सकारात्मक खबरों के चलते सोमवार को कंपनी के शेयर में हलचल देखी जा सकती है और बाजार की नजरें इस पर टिकी रहेंगी।
(डिस्क्लेमर: यह खबर निवेश सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय जरूर लें। TAAZA E PAPER पर दी गई जानकारी एक्सपर्ट्स या ब्रोकरेज हाउसेज के निजी विचारों पर आधारित है।)
आगामी सप्ताह शेयर बाजारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। इसी सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ (शुल्क) पर दी गई राहत की समयसीमा समाप्त हो रही है। इस बीच ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि टैरिफ को लेकर कार्रवाई सोमवार से शुरू होगी, जब अमेरिका कुछ देशों को प्रस्ताव भेजेगा। ट्रंप ने इन प्रस्तावों को "टेक इट ऑर लीव इट" यानी "या तो मान लो या छोड़ दो" जैसा अंतिम प्रस्ताव बताया है।
ट्रंप के अनुसार, उन्होंने उन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिन्हें सोमवार को संबंधित देशों को भेजा जाएगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये प्रस्ताव अमेरिका और इन देशों के बीच संभावित समझौते हैं या फिर अमेरिका की ओर से अंतिम शर्तों के रूप में पेश किए जा रहे हैं, जिन पर इन देशों को निर्णय लेना होगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल यूरोपीय संघ और भारत के साथ कोई समझौता नहीं हो पाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उन्होंने 12 देशों को भेजे जाने वाले टैरिफ संबंधी पत्रों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इन पत्रों में उन देशों से होने वाले आयात पर अलग-अलग टैरिफ दरें तय की गई हैं। ट्रंप ने कहा कि ये देश या तो इन प्रस्तावों को स्वीकार करें या उन्हें ठुकरा दें। ये पत्र सोमवार को भेजे जाएंगे।
न्यू जर्सी की यात्रा के दौरान एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने इन देशों के नाम बताने से इनकार कर दिया और कहा कि इनकी जानकारी सोमवार को सार्वजनिक की जाएगी। ट्रंप ने कहा, “मैंने कुछ पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो सोमवार को भेजे जाएंगे — संभवतः 12 — और हर देश के लिए अलग टैरिफ दरें होंगी।”
शुरुआत में व्हाइट हाउस ने कई देशों के साथ टैरिफ को लेकर बातचीत की योजना बनाई थी, लेकिन जापान और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ बातचीत असफल रहने के बाद ट्रंप ने सीधे प्रस्ताव भेजने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, “पत्र भेजना बातचीत की तुलना में कहीं आसान है।”
आज शेयर बाजार में एक बार फिर आखिरी घंटे की खरीदारी ने कमाल दिखाया। दिन के कारोबार में निफ्टी ने एक बार 10 DEMA (10 दिनों का औसत स्तर) को तोड़ा, लेकिन आखिरी घंटे में इसी स्तर के पास से बाजार में खरीद शुरू हुई और तेजी से बाजार ऊपर चढ़ गया। निफ्टी आज 25,330 के निचले स्तर तक गया था लेकिन आखिर में 25,460 के ऊपर बंद हुआ। इससे ये साफ होता है कि बाजार ने एक बार फिर अहम स्तर का सम्मान किया और फिलहाल ट्रेंड पॉजिटिव यानी ऊपर की ओर ही है।
अनुज सिंघल की राय:
CNBC आवाज के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल का कहना है कि बाजार 10 DEMA को अच्छे से बचा रहा है। आज का निचला स्तर भी इसी के आसपास रहा, जहां से बाजार में जबरदस्त वापसी हुई। इस तेजी में खासतौर पर ICICI बैंक और SBI की मदद रही।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बाजार अभी भी एक सीमित दायरे में ही कारोबार कर रहा है, लेकिन ये दायरा हर दिन थोड़ा-थोड़ा सिमट रहा है। उनका मानना है कि बाजार का रुख अब भी सकारात्मक बना हुआ है, लेकिन कंपनियों के तिमाही नतीजे मिले-जुले हैं जिससे निवेशकों को थोड़ी निराशा हो रही है। ट्रेंट कंपनी के कमजोर नतीजों ने बाजार के मूड पर असर डाला है। आने वाले दिनों में बाजार की नजर तिमाही नतीजों पर टिकी रहेगी।
शिवांगी सारदा की टेक्निकल राय:
टेक्निकल एनालिस्ट शिवांगी सारदा के मुताबिक पिछले हफ्ते की तेजी के बाद अब बाजार में मुनाफावसूली और हल्की गिरावट दिख रही है। हालांकि बाजार अहम स्तरों पर खुद को संभालने की कोशिश कर रहा है। उनका कहना है कि वीकली चार्ट पर अभी भी बाजार Higher Top-Higher Bottom बना रहा है, इसलिए मौजूदा गिरावट को अस्थाई माना जा सकता है। अगर बाजार 25,250 के नीचे फिसलता है तो 25,000 तक जा सकता है। लेकिन अगर ये ऊपर बना रहता है तो 25,600 तक की तेजी फिर से देखने को मिल सकती है।
आज का बाजार कैसा रहा:
सेंसेक्स 193 अंक बढ़कर 83,433 पर बंद हुआ।
निफ्टी 56 अंक चढ़कर 25,461 पर बंद हुआ।
बैंक निफ्टी भी 57,000 के ऊपर बंद हुआ।
कुछ शेयरों जैसे ट्रेंट, टाटा स्टील, आयशर मोटर्स, टेक महिंद्रा, बीएसई और एंजेल वन में कमजोरी रही, जबकि बजाज फाइनेंस, HUL, विप्रो, इंफोसिस, IGL, बॉश और ऑरोबिंदो फार्मा में बढ़त देखने को मिली।
नोट: यहां दी गई जानकारी विशेषज्ञों की निजी राय है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।
सरल हिंदी में पुनर्लेखन (Rewritten in Simple Hindi):
चीन ने यूरोपीय यूनियन (EU) से आने वाली ब्रांडी पर 34.9% तक का टैरिफ (ड्यूटी) लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला 5 जुलाई 2025 से लागू होगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि यूरोप से ब्रांडी सस्ती कीमत पर (डंपिंग) भेजी जा रही थी, जो साबित हो चुका है।
इस फैसले से फ्रांस की बड़ी शराब कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। Rémy Cointreau के शेयर करीब 4.5% गिर गए हैं, जबकि Pernod Ricard के शेयरों में 3.3% और LVMH के शेयरों में 2.1% की गिरावट हुई है।
इस खबर का असर यूरोप के पूरे शेयर बाजार पर भी दिखा। शुक्रवार सुबह बाजारों में गिरावट रही – Stoxx 600 में 0.4%, FTSE 100 (U.K.) में 0.32%, DAX (Germany) में 0.29% और CAC 40 (France) में 0.72% की गिरावट दर्ज की गई।
साथ ही, जर्मनी की औद्योगिक स्थिति भी कमजोर नजर आ रही है। मई में वहां के फैक्ट्री ऑर्डर 1.4% घटे हैं, खासकर कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल प्रोडक्ट्स की मांग में 17.7% की गिरावट आई है। हालांकि, एक साल पहले की तुलना में ऑर्डर अभी भी 5.3% ज्यादा हैं।
एविएशन सेक्टर में Air France-KLM की बड़ी खबर है। कंपनी अब Scandinavian Airlines (SAS) में अपनी हिस्सेदारी 20% से बढ़ाकर 60.5% करने जा रही है। यह डील 2026 की दूसरी छमाही तक पूरी होने की उम्मीद है।
कुल मिलाकर, चीन के ब्रांडी पर भारी टैक्स, फ्रांस की कंपनियों को नुकसान, जर्मनी की औद्योगिक कमजोरी और एयरलाइन सेक्टर की हलचल मिलकर यूरोप के बाजार पर दबाव बना रहे हैं।
अगर चाहें तो मैं इस पर एक न्यूज आर्टिकल का फॉर्मेट भी बना सकता हूँ।
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भारत में निवेशक और उपयोगकर्ता स्टॉक फाइंडर का उपयोग आत्मविश्वास के साथ कर सकते हैं, यह जानते हुए कि हम भारतीय वित्तीय नियमों के दायरे में काम करते हैं। अनुपालन के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए, उपयोगकर्ता हमारे सहायता टीम से संपर्क कर सकते हैं, जो सहायता करने में प्रसन्न होंगे।
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